डबवाली।
निजीकरण के खिलाफ बैंकों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का सोमवार को मंडी डबवाली में भी पूरा असर दिखाई दिया। इस दौरान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान पर डबवाली बैंकर्स कलब के सभी बैंक कर्मचारियों ने स्थानीय पंजाब नैशनल बैंक के सामने इक्कठा होकर केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए बैंकों के निजीकरण का विरोध किया। इस मौके पर डबवाली बैंकर्स कलब के प्रधान नवदीप बंसल ने बताया कि बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ सोमवार और मंगलवार को देशभर में बैंककर्मी अपनी 2 दिन की तनख्वाह कटवाकर हड़ताल पर रहेंगे। दो दिन बैंक बंद रहने से बैंकिंग कामकाज प्रभावित रहेगा।
उन्होंने बताया कि हमने पहले ही अपने ग्राहकों को जानकारी दे दी है कि सोमवार और मंगलवार को
हड़ताल के चलते उनके कार्यालय और शाखाओं में कामकाज बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि बैंकों की
हड़ताल को आम जनता का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है कयोंकि जनता जानती है कि सरकार द्वारा निजीकरण का ये फैसला न बैंकों और न ही उनके हक में है। देशभर के लगभग 10 लाख बैंककर्मियों के हड़ताल में शामिल होने का दावा करते हुए नवदीप बंसल ने कहा कि डबवाली क्षेत्र के सभी बैंक शाखाएं इस हड़ताल का पुरजोर समर्थन करती हैं। इस मौके पर एस.के. वर्मा ने कहा कि वितमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया था कि सरकार ने इस साल दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण का फैसला किया है। सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक में अपनी ज्यादातर हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है। पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि बैंकों के निजी हाथों में जाने से कर्मचारियों और जनता को शोषण के सिवाए कुछ हासिल नहीं होगा कयोंकि निजीकरण का पहला मतलब ही निजी स्वार्थ की पूर्ति को बढ़ाना है। विक्रम चौधरी ने कहा कि निजीकरण की परिस्थितियों में न तो जनता का कोई मायना होता है और न देश का। उन्होंने कहा कि नीजि क्षेत्र केवल
मुनाफा कमाना जानते हैं, जनता की सेवा नहीं। बैंकों के प्रति जनता का वर्षों पुराना जो विश्वास और भरोसा है सरकार उसे तोडऩे जा रही है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान अमन सुखीजा, रवि नंदन, एस.के. मितल, विनोद कुमार, रंजन गोयल, पी.सी. सुथार, कपिल, जगदीश छेतीवाल, टेकचंद बागड़ी ने भी अपना संबोधन दिया। विरोध प्रदर्शन में लीलाराम बूमरा, अमित धवन, गिपन मेहता, दीपक चावला, जगपाल सिंह, दीपक कुमार, ओमप्रकाश गोयल, अमृतपाल सचदेवा, रामदितां मेहता, केके, परम गोयल, अजय कुमार, संजीव सिंगला, हर्षल गर्ग, सोमप्रकाश बंसल, राकेश कुमार, पंकज अरोड़ा, नवीन बिश्रोई, स्वदेश कुमार सहित सैकड़ों बैंक कर्मी शामिल हुए।