गुपचुप बैठक और टंकी पर जा चढ़े किसान
गोरीवाला । भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बन रहै हाईवे में जमीन अधिग्रहण के मुआवजे, बर्बाद हुई फसल की गिरदावरी, रास्ता दिए जाने और अन्य मांगों को लेकर तीन किसान शुक्रवार को गांव डबवाली में स्थित जलघर की टंकी पर चढ़ गए। प्रशासन को सूचना मिलने के बाद पंचायत विभाग, जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन किसानों ने उनकी बात सुनने से इनकार कर दिया। वहीं अन्य किसानों ने जलघर परिसर में धरना देकर पक्का मोर्चा लगा दिया है। अभी तक कोई भी उच्च अधिकारी किसानों से बात करने के लिए नहीं पहुंचा। समाचार लिखने तक किसानों का पक्का मोर्चा जारी है। टंकी पर चढ़े किसान भी नीचे नहीं उतरे।
भारत माला प्रोजेक्ट के तहत डबवाली एरिया के नौ गांवों से होकर गुजरने वाले हाईवे का निर्माण चल रहा है। किसानों की अधिग्रहण की गई भूमि के मुआवजे को लेकर यहां एक ओर कोर्ट केस चल रहा है वहीं दूसरी ओर अन्य समस्याओं को लेकर किसान इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे है। इसी बची दो दिन पहले एनएचएआई के अधिकारियों ने पुलिस बल को साथ लेकर जमीन पर कब्जा ले लिया और निर्माण शुरू करवा दिया। वीरवार को इन्हीं सबको लेकर गांव जोगेवाला में आसपास के नौ गांवों के किसानों की बैठक का आयोजन किया गया है। गुप्त मंथन के बाद किसान गुपचुप तरीके से बैठक स्थल से करीब तीन किलोमीटर दूर गांव डबवाली स्थित जलघर में पहुंच गए। जलघर का ताला तोड़कर किसानों ने धरना दे दिया और तीन किसान टंकी पर चढ़ गए। टंकी पर चढ़ने वाले किसान राकेश फगोड़िया, सतनाम सिंह, सुरजीत सिंह जोगेवाला शामिल है। इसकी सूचना मिलने पर पंचायत विभाग से बीडीपीओ रमेश कुमार, एसएचओ ओमप्रकाश और जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ विशाल ज्याणी और जेई समीर कुमार मौके पर पहुंच गए। उन्होंने किसानों को समझाने का प्रयास किया लेकिन किसान उच्च अधिकारियों से बातचीत करने की मांग पर अड़ गए। रात साढ़े आठ बजे समाचार लिखने तक प्रदर्शन और किसानों का पक्का मोर्चा जारी है। प्रशासन की ओर से यहां पुलिस के जवानों को गांव डबवाली में तैनात कर दिया गया
एक्सप्रेस वे से तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित है जलघर
डबवाली गांव के जलघर की टंकी अमृतसर जामनगर एक्सप्रेस-वे से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। किसान राकेश फगोड़िया, सतनाम सिंह, सुरजीत सिंह जोगेवाला ने जलघर की टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे को नहीं माना जाएगा तब तक जलघर की टंकी से नहीं उतरेंगे। इस मौके पर भारतीय किसान एकता के जिला प्रधान सिकंदर सिंह रोड़ी, दयाराम उलानिया, गुरमेल सिंह, गुरतेज सिंह, हरचरण सिंह उपस्थित रहे।
ये हैं किसानों की मुख्य मांगें
- हाईवे निर्माण के दौरान अधिग्रहण की गई किसानों की भूमि का मुआवजा दिलाया जाएगा, ये मुआवजा राशि बाजार भाव से चार गुना होना चाहिए।
- सड़क निर्माण के दौरान खेतों में बने खाल टूट गए है। जिससे सिंचाई की समस्या पैदा हो गई। इन खालों का निर्माण करवाया जाए। ताकि दूसरे खेत प्रभावित न हो।
- हाईवे को पार करने के लिए दोनों तरफ के लोगों के लिए रास्ते दिए जाए।
- हाईवे निर्माण की चपेट में ढाणी, घर जिन्हें न तो अधिग्रहण की श्रेणी में भी नहीं रखा गया उन्हें मुआवजा दिया जाए।
- सड़क निर्माण के दौरान किसानों की खेती नष्ट हुई है, उसकी गिरदावरी करवा 70 हजार रुपये प्रति एकड़ के अनुसार मुआवजा जारी किया जाए।
खाने के लिए चने और पीने के लिए पानी भी साथ ले गए हैं किसान
टंकी पर चढ़े किसान नेता अपने साथ एक छोटा स्पीकर, खाने के लिए चने और पीने के लिए पानी भी लेकर गए है। जलघर में पड़ाव डालकर धरने पर बैठे किसानों ने भी बाहर से ताला लगाकर अधिकारियों और कर्मचारियों को अंदर जाने से रोके रखा है। किसान लगातार अपनी मांगों को उठा रहे है। जबकि नीचे खड़े किसान भी टंकी पर चढ़े किसानों को खाने व अन्य हर प्रकार के सामान को पहुंचा रहे है। ताकि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।