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किसानी और बेरोजगारी को आधार बनाकर विधायक ने सरकार को बताया "आल इज नॉट वैल"राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में विधायक अमित सिहाग का सरकार को जोरदार जवाब



गोरीवाला न्यूज़ नेटवर्क
 हरियाणा विधानसभा के चल रहे बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चल रही चर्चा में हल्का डबवाली के युवा विधायक अमित सिहाग ने सरकार को आंकड़े बताते हुए किसानी और बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरते हुए प्रदेश के मौजूदा हालातों पर चिंता जताई।
               चर्चा के दौरान विधायक सिहाग ने कहा कि जिस प्रकार अभिभाषण के द्वारा सरकार ने ये जताने की कोशिश की है की हरियाणा में "ऑल इस वैल", मैं इस सरकार की कार्यकुशलता को मापने के लिए कुछ अहम पहलू हैं जिन पर मैं चर्चा करना चाहूंगा। इसके बाद विधायक ने किसानी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कृषि प्रधान प्रदेश हरियाणा में 100 से अधिक दिनों से किसान, प्रदेश के इतिहास में पहली बार, अपना घर बाहर छोड़ कर सड़कों पर बैठे हैं और बॉर्डर को सील किया हुआ है, तो सरकार को समझ लेना चाहिए कि "आल इज नॉट वैल"। उन्होंने कहा कि सरकार केवल एक बार केंद्र सरकार के मन की बात न सुन कर, उन किसानों के मन की बात को सुनने का काम करे जिन्होंने सरकार को सत्ता की चाबी सौंपी है। सिहाग ने कहा कि अगर सरकार अपने वायदे अनुसार किसानों और मजदूरों की आमदन दोगनी नही कर सकती, तो कम से कम एमएसपी का कानूनी प्रावधान देकर, हरियाणा के किसान की सालाना आय, जो 1.73 लाख रूपए है उसको भविष्य में बिहार के किसान की सालाना आय, जो की 42000 रूपए है वहां पहुंचने से बचा ले।उन्होंने कहा कि ये सरकार राजधर्म निभाने की बजाय कुर्सी धर्म निभा रही हैं।
          सिहाग ने सदन में बैठे सत्ता पक्ष के विधायकों की तरफ देखते हुए कहा कि किसानों ने आज अपने दिलों में, अपने घरों में, अपने गांवों में आपके लिए नो एंट्री के बोर्ड लगा दिए हैं फिर भी सरकार कह रही है "आल इज वैल"।सिहाग ने सरकार से एमएसपी पर केवल आश्वासन देने की बजाय, एमएसपी के लिए कानून बनाने की मांग की जिसमे सजा का प्रावधान हो।


                  बेरोजगारी के मुद्दे पर आंकड़ों सहित सरकार को घेरते हुए सिहाग ने कहा कि जहां हरियाणा में बेरोजगारी की दर अप्रैल 2019 में 26.5 प्रतिशत थी वो अप्रेल 2020 में बढ़ कर 43.2 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि जो राज्य करोना के चलते बेरोजगारी में हरियाणा से आगे चले गए थे जिनमे तमिलनाडु, झारखंड में अप्रैल 2020 में बेरोजगारी दर क्रमश: 49.8 और 47.1 प्रतिशत हो गई थी वो अगस्त 2020 में घट कर क्रमश:2.6 व 9.1 रह गई है और ऐसा ही बिहार में भी हुआ है, लेकिन इसके विपरीत हरियाणा  बेरोजगारी दर में पहले पायदान पर पहुंच गया है और आज भी उसी स्थान पर खड़ा है। विधायक ने कहा कि ये हाल अभी का नही बल्कि 2016 से ही है कि बेरोजगारी दर में हरियाणा पहले 5 स्थानों में रहा है
              सिहाग ने कहा कि इससे साबित होता है कि हरियाणा सरकार अन्य प्रदेशों के मुकाबले करोना से पैदा हुई समस्यायों से निपटने में विफल रही है। सिहाग ने सरकार को आईना दिखाते हुए सरकार को जमीनी स्तर पर हालात सुधारने की नसीहत दी।