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1 रुपया और नारियल लेकर की शादी,दूल्हे ने लौटाई टीका रस्म की सवा दो लाख की राशि। दिया पर्यावरण बचाने का संदेश।

गोरीवाला अनिल। शादी के नाम पर लाखों करोड़ों खर्च कर अपनी शान समझने वालों के लिए नवविवाहित जोडो द्वारा यह एक मिसाल है। जिन्होंने 1 रुपया और नारियल लेकर शादी की रस्में पूरी की। यह मिसाल गांव रामगढ़ के भूप सिंह इन्सां के सुपुत्रों चंद्रपाल व दीपक कुमार ने पेश की है। ससुराल पक्ष के घर में प्रवेश करने पर दुल्हनों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाए।
जानकारी के अनुसार गांव रामगढ़ जिला सिरसा से चंद्रपाल व दीपक कुमार पुत्र भूप सिंह इन्सां शुक्रवार को चक 11 डीडब्ल्यूडी रावतसर राजस्थान में बारात लेकर पहुंचे थे। इनका विवाह रितु व मालती पडपोतियां हीराराम मायल चक 11 डीडब्ल्यूडी से धूमधाम से संपन्न हुआ। विवाह की तमाम रस्में रीति रिवाज की परंपराओं से संपन्न हुई। विवाह में टिक्के में दुल्हन पक्ष की ओर से दीपक कुमार को 2लाख 22हजार दिए गए। जिसको दुल्हे व उनके पिता ने दहेज को एक सामाजिक बुराई बताते हुए बड़ी ही विनम्रता के साथ दुल्हन पक्ष को वापस लौटा दिया। साथ ही दहेज में मात्र नारियल और 1 रुपया लेकर समाज के लिए अनूठी अनुकरणीय मिसाल पेश की। वही नवविवाहित दंपतियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण को बचाने के लिए पौधे लगाए।
भूप सिंह इन्सां द्वारा दहेज प्रथा के खिलाफ इस प्रशंसनीय कदम को 11 डीडब्ल्यूडी रावतसर तथा विवाह में मौजूद सभी लोगों ने एक अनूठी और अनुकरणीय मिसाल बताया है। दूल्हे के पिता भूप सिंह इन्सां ने बताया कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाए गए मानवता भलाई के 156 कार्यों में से मुहिम अभिशाप मुक्ति व नेचर कैंपेन का अनुसरण किया गया है। जिसके अनुसार दहेज प्रथा रोकना व पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाना सम्मिलित है।
विवाह में दुल्हन ही वास्तविक दहेज है और इस बात को चरितार्थ करने में पूरा परिवार और रिश्तेदार प्रसन्न है।