गांव की फिरनी टूटी,गलियां भी कच्ची ग्रामीण बोले:सांसद निधि कोश से भी नही मिल पाया बजट,सिर्फ 20 लाख में बना बस स्टैंड
गोरीवाला।खंड मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव लंबी को सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी ने गोद लिया हुआ था गांव को गोद लेने के बाद ग्रामीणों को यह आस बनती हुई नजर आएगी की जो आज तक गांव के विकास कार्य नहीं हुए हैं वह हो पाएंगे जैसे ही 13 फरवरी 2017 को सांसद ने उपायुक्त महोदय से लेकर जिला स्तर के सभी प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष गांव में आकर गांव के लोगों को विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की कमी ने रहने के ग्राम पंचायत से गांव में किए जाने वाले विकास कार्यों की सूची उपलब्ध की जिसमें करीब ढाई करोड के विकास कार्यों को किए जाने की मांग ग्रामीणों द्वारा व ग्राम पंचायत द्वारा रखी गई परंतु गांव का दुर्भाग्य की जहां ग्राम पंचायत के सहयोग से गांव में कुछ ना कुछ विकास कार्य हो रहे थे वह भी निम्न स्तर में चले गए दो वर्ष तक सांसद के कार्यकाल में ना के बराबर विकास कार्य हुए जबकि ग्रामीण विकास कार्यों के लिए इंतजार करते रहे केवल18 लाख रुपए से स्कूल व गांव में केवल बस स्टैंड ही बन पाया। उसके बाद जैसे ही ग्राम पंचायत किसी भी डिमांड को लेकर जाते तो उन्हें केवल एक ही बात सुनने को मिलती कि आपका गांव संसद द्वारा गोद में लिया गया है, तो इसमें विकास कार्य उसी तर्ज पर किए जाएंगे। करीब 7 साल का समय बीत जाने की बावजूद भी सांसद निधि कोष से गांव को किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली। जिसका गांव को आज खामियाजा भुगतना पड़ा है। इसके बावजूद ग्राम पंचायत ने अपने स्तर पर गांव में विकास कार्य करवाने का भरसक प्रयास किया।सांसद निधि कोष से गांव को विकास कार्यों के लिए ग्रांट उपलब्ध नहीं करवाई गई जिसका मलाल ग्रामीणों को आज तक भी है। गोद लिए गए गांव के लोग आज भी अपनी दासता को उसी तरह से बयां कर रहा है।जब इस बारे में गांव के ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिस दिन गांव में सैकड़ों की संख्या में प्रशासनिक अधिकारियों का अमला सांसद के साथ गांव में प्रवेश हुआ था तो उस समय हर ग्रामीण के मुंह से एक ही बात सुनने को मिल रही थी कि अब गांव के विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहेगी। परंतु गांव का दुर्भाग्य की विकास कार्यों की दशा जस की तस बनी हुई है। अमर उजाला के संवावदाता ने ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उनके विचारों को जाना
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आज गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है
गांव की फिरनी का कच्चा होना,पंचायती भूमि की पाइप लाइन,गांव में दसवीं क्लास के स्कूल का अभाव,गंदे पानी की निकासी का अभाव,बस की सुविधा का अभाव,खेल स्टेडियम,पार्क,लाइब्रेरीआदि की व्यवस्था गांव में नहीं है।
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अब तक बने गांव के सरपंच
लालू राम, भगवानाराम, मलकीत सिंह, कृष्ण लाल, काशीराम, जवाहरलाल, सरदारा राम, ओम प्रकाश, ओम प्रकाश यादव गांव की स्थापना से लेकर सरपंच मनोनीत हुए
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पंचायत द्वारा करवाए गए विकास कार्य
श्मशान भूमि,कम्यूनिटी सेंटर,धर्मशालाएं,स्कूल में वाटर टैंक, गलियों का निर्माण,जोहड़ के घाट का निर्माण, ओवरफ्लो पानी की निकासी व्यवस्था,पंचायती जमीन में पाइप लाइन,ढाणियों में पेयजल की व्यवस्था,जिम की व्यवस्था,आंगनवाड़ी केंद्र की व्यवस्था ग्राम पंचायत द्वारा की गई।
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वर्जन
जिस दिन गांव को गोद लेने का समाचार ग्रामीणों को मिला था तो उस दिन से लोग के दिमाग में यह उधेड़बुन चल रही थी कि गांव शहर जैसा बन जाएगा। परंतु गांव तो पहले से भी कहीं बदतर स्थिति में चला गया है। पंचायत ने अपने स्तर पर विकास कार्य करवाने के भरसक प्रयास किए परंतु फिर भी ग्रांट की कमी के चलते विकास कार्य नहीं हो पाए।
ग्रामीण...मंदर सिंह।
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सांसद निधि कोष से अगर वित्तीय सहायता उपलब्ध हो जाती तो गांव में पानी की निकासी के लिए लोगों को समस्याओं से न जूझना पड़ता। अब जैसे ही बरसात का समय आ जाता है तो आसपास के घरों को बड़ी मुश्किलों के साथ गुजारना पड़ता है। पंचायत द्वारा की गई व्यवस्था उतनी कारगर सिद्ध नहीं हो रही जितनी की होनी चाहिए।
ग्रामीण ...बंता सिंह।
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जैसे ही खंड डबवाली के गांव लंबी का नाम सांसद द्वारा गोद लिए जाने का समाचार मिला उसी दिन से ग्रामीणों में एक नया जोश पैदा हो गया था। इसके कुछ दिनों के अंतराल के बाद गांव में जिला स्तर के सभी अधिकारियों के काफिले के साथ सांसद ने गांव के विकास कार्यों को करवाने का संकल्प ग्रामीणों के बीच में दोहरायाऔर ग्रामीणों में एक उत्साह भरते हुए कहा कि अब गांव में किसी भी प्रकार के कोई विकास कार्य अधूरे नहीं रहने दिए जाएंगे। आज तक गांव में सांसद निधि कोष से कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ।
ग्रामीण... भूरा राम।
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सांसद द्वारा केवल 20 लाख की ही सहायता मुहैया करवाई गई जो ऊंट के मुंह में जीरा देने वाली बात थी वही गांव की फिरनी तक अभी भी कच्ची पड़ी है और गांव में काफी सारे विकास कार्य करवाए जाने वाले हैं पंचायत ने अपने स्तर पर काफी प्रयास किया है परंतु फिर भी जो कार्य सांसद निधि को से हो पाना संभव थे वह आज तक भी अधर में लटके हुए हैं
ग्रामीण.... भागीरथ।
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गांव को गोद लेने के बावजूद भी गांव में किसी भी प्रकार का कोई विकास कार्य होने से राजनीतिक शख्सियतों से ग्रामीणों का मन भर आया है और आज गांव में प्रवेश करने वाले हर राजनीतिक शख्सियत को लोग लोक लुभावनी और केवल बातों तक ही सीमित रखते हैं। क्योंकि गांव को एक सांसद द्वारा गोद ले लेना और उसके बावजूद भी गांव में किसी भी प्रकार का कोई विकास कार्य न होना गांव के लिए एक भद्दा मजाक है।
ग्रामीण... श्योपत राम।