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किसान बोले:डीएपी के बिना किस तरह होगी गेंहू की बिजाई

किसान बोले:डीएपी के बिना किस तरह होगी गेंहू की बिजाई

गोरीवाला अनिल (9813155820)

जहां एक और केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती कर लोगों को दिवाली पर्व पर राहत दी गई। इसी बीच किसानों के लिए एक ओर समस्या डीएपी खाद की कमी किसानों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद ने मिलने के कारण गेहूँ की बुआई नहीं कर पा रहे हैं।



 किसानों का कहना है कि उन्हें मजबूरन महंगे दामों पर डीएपी खरीदने के लिए दो चार होना पड़ रहा है,क्योंकि जितनी डीएपी खाद खरीद केंद्रों पर प्रशासन द्वारा भेजी जा रही है। उतने से बुआई करना किसी भी हालत में संभव नहीं है। किसानों ने मांग उठाते हुए प्रशासन को किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध करवाने की बात कही गई। जिससे कि किसान की फसल की बुआई और बिजाई का कार्य सही समय पर हो पाए। दूसरी तरफ संबंधित विभाग द्वारा प्रतिदिन दुकानों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। जिसमें कितनी खाद आ रही है,और कितनी प्रतिदिन बेची जा रही है,और प्रति किसान के हिसाब से कितनी खाद उसे दी जा रही है। प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिससे कि डीएपी की हाहाकार व कालाबाजारी पर लगाम लगाई जा सके। वहीं प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कोताही बरतने वाले दुकानदारों के लाइसेंस को भी रद्द करने का प्रावधान किया गया है ।

इंसेट्स
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डीएपी की कमी होने के कारण अब तक जहां 30 एकड़ में से करीब 9 एकड़ की ही गेहूं की बिजाई कर पाए हैं। हैरतअंगेज कि सरकार की ओर से हमें अभी तक एक भी बैग डीएपी का नहीं मिला है। मेरा मानना है कि यदि किसान को समय रहते खाद उपलब्ध हो पाई तो गेहूं की बिजाई में देरी होगी। जिससे फसल की आवक औसतन कम होगी और किसान को भी भारी नुकसान उठाने की संभावना बढ़ जाती है।

गुरुप्रेम सिंह,किसान,देसूजोधा।
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पिछले कुछ दिनों से को ऑपरेटिव सोसाइटी में किसानों को आश्वस्त किया जा रहा है कि शीघ्र ही आपको डीएपी उपलब्ध करवा दी जाएगी लेकिन किसानों को केवल आश्वासन देख रही संतुष्ट किया जा रहा है वहीं कर्मचारियों द्वारा किसानों को सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं दिया जा रहा बल्कि जिससे किसान द्वारा जमीन को सिंचित कर डीएपी के अभाव के कारण खाली छोड़ा गया है जिसका नुकसान किसान को उठाना पड़ रहा है जहां किसान पहले सिंचाई पानी के लिए दौड़-धूप कर रहा था वहीं आज डीएपी खाद के लिए उसे दर-दर भटकना पढ़ रहा है मेरी सरकार से यह मांग है कि शीघ्र ही डीएपी खाद व यूरिया ग्रामीण अंचल के कोऑपरेटिव सोसायटी ओं के गोदामों में उपलब्ध करवाई जाए जिससे कि किसान अच्छी पैदावार लेने में सक्षम हो सकें।

 जयसिंह कासनियां,किसान,मुन्नावाली।
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मैंने करीब 10 एकड़ जमीन में गेहूं की बिजाई करनी है। इसके विपरीत की सरकार के पास किसानों के लिए डीएपी खाद का अभाव है। जिससे किसान को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। डीएपी खाद का इंतजार करते हुए करीब 2 सप्ताह का समय बीत गया है। अभी तक खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। बिना खाद के अभी तक दो ही एकड़ में गेहूं की बिजाई हो पाई है। प्रशासन के बार-बार आश्वासन के काफी समय गुजर गया है। अब तो राम भरोसे ही गेहूं की बिजाई कर दी गई है। सरकार को चाहिए कि किसान की खाद की किल्लत को शीघ्र दूर किया जाए। जिससे कि किसान गेहूं की फसल की बिजाई समय रहते कर पाए।


 रूपराम राम,किसान,रिसालिया खेड़ा।

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सरकार की तरफ से पेट्रोल और डीजल के दामों में कुछ राहत के बावजूद अन्य सभी चीजों के दामों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। जहां पहले गेहूं की बिजाई में करीब 7000 रूपए प्रति एकड़ का खर्च आता था। वहीं आज करीब 13000 रूपए प्रति एकड़ का खर्च आ रहा है। पिछले बर्ष डीजल करीब 50रूपए प्रति लीटर इस बार करीब 88 रूपए प्रति लीटर हो चुका है। जो किसानों के ऊपर अतिरिक्त भार है किसानों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। सरकार ने किसानों के ऊपर महंगाई की मार का भार बढ़ा दिया है।

 अनिल,किसान,रामगढ़।
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 महंगाई के इस समय में सबसे बड़ी मुश्किल छोटे किसान को झेलनी पड़ रही है। खेत तैयार करवाने से लेकर फसल पकने तक के समय के दौरान सभी कार्य किराए पर करवाने पड़ते हैं। वही फसल को अनाज मंडी तक ले जाने में भी उसे किराए चुकाने पड़ते हैं। कई बार साधन उपलब्ध न हो पाने के कारण उन्हें बड़ी समस्याओं से गुजरना पड़ता है।

 दयाराम उलानिया,किसान,चौटाला।