गोरीवाला अनिल (9813155820)
उपमण्डल में मौसम का मिजाज बदलने से न सिर्फ चिलचिलाती धूप और गर्मी से क्षेत्र के लोगों को राहत मिली है,बल्कि किसानों के चेहरे पर खुशी भी देखने को मिल रही है। जहां एक ओर नहर की लम्बी बन्दी होने के कारण किसान चिन्तित नजर आ रह थे। वहीं विगत दिवस हुई बारिश के साथ ही किसान खेतों को तैयार कर बिजाई शुरू कर दी है। बिजाई के दरमियान हुई बारिश पहले से बिजाई की गई फसल के लिए वरदान सिद्व हुई है। जहां किसान सिंचाई योग्य पानी पर्याप्त न होने के कारण खेतों की तरफ रूख नहीं कर रहे थे,जैसे ही बारिश हुई खेतों में रौनक लग गई है। वहीं तापमान में भी गिरावट आई है।
उपमण्डल में किसानों को चेहरे विगत दो दिनों से हुई बारिश से खिल उठे हैं। यहां करीब 60 प्रतिशत में नरमें की खेती होती है,उनके लिए यह बारिश वरदान की तरह है। किसानों ने सावनी फसल ग्वार,मूंगफली,मूंग,मोठ,हराचारा आदि के लिए बारिश अमृत का काम करेगी। किसानों का कहना है कि नहरी पानी की लम्बी बन्दी होने के कारण खेती के लिए वर्षा अमृत के समान है।
किसान मनी राम,गुरदीप सिंह,सुरजीत सहारण, लीलू राम सुथार,महेन्द्र सिंह आदि ने बताया कि बारिश सावनी फसल उत्पादन के लिए अमृत समान साबित हुई है। मई में जोते गए खेत में सूर्य की तपिश के बाद मिट्टी से कीटाणु समाप्त हो जाते हैं और मिट्टी में उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। जिस कारण सावनी फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। किसानों के लिए बारिश फायदेमंद है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बारिश के आसार व तेज हवा चलने की आशंका जताई जा रही थी। बारिश हो जाने से ग्वार,नरमा,कपास,मूंगफली,मोठ,मूंग एवं अरहर की बोआई के लिए भी खेतों को तैयार करने में किसान लग गए हैं। किसानों के मुताबिक अभी ग्वार की बोआई करने के लिए इतनी बारिश पर्याप्त नहीं है। यदि थोड़ी तेज बारिश होगी तो एक सप्ताह में किसान ग्वार,मूंग,मोठ की बोआई का काम कर सकते हैं। इस बारिश के बाद लोगों को तपिश से भी राहत मिली है। वहीं बारिश के बाद रात्रि तापमान में भी गिरावट आ गई है।
फोटो कैप्शन- खेत में नरमें की बिजाई करते किसान का फोटो।
फोटो कैप्शन- खेत में नरमें की बिजाई करते किसान का फोटो।